एक दिन बाहर से एक बर्बर आक्रमणकारी आया और उसे नष्ट करके अपने नाम पर नया धर्मस्थल बनवा दिया।
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समिति का दृढ़ विश्वास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम भारत राष्ट्र की संस्कृति, परम्परा, पौरुष पराक्रम, एकता एवं अखण्डता तथा सामाजिक सौहार्द के प्रतीक एवं आस्था केन्द्र हैं जबकि दूसरी तरफ इतिहास का यह भी कड़वा सत्य है कि बाबर एक विदेशी बर्बर आक्रमणकारी था, जिसने भारतीय स्वाभिमान एवं अस्मिता के मानमर्दन हेतु ही श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर को ध्वस्त कर मस्जिद जैसा ढांचा निर्माण कराया।